| • scheduled cast and scheduled tribe commission | |
| अनुसूचित: scheduled | |
| अनुसूचित जाति: scheduled cast scheduled caste | |
| जाति: caste type birth class family nature rod phylum | |
| और: More yet too much further else also and | |
| अनुसूचित: scheduled | |
| अनुसूचित जनजाति: scheduled tribe अनुसूचित | |
| जनजाति: tribe tribal welfare | |
| आयोग: commission committee | |
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग अंग्रेज़ी में
[ anusucit jati aur anusucit janajati ayog ]
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी फिल्म के आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया है।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने श्री अशोक कुमार वर्मा (जनपद बाॅदा) को प्रदेश के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य के पद पर पुनः नामित किया है।
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के आयुक्त ने अपनी 1966-67 की सोलहवीं रिपोर्ट में विशाखापत्तनम जिले के चिंतापल्ले तालुका में किए गए सर्वे के हवाले से बताया गया है कि ‘
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के आयुक्त की 1960-61 की रिपोर्ट के अनुसार, आदिवासियों में भूमिहीनों का अनुपात 1950 में पचास प्रतिशत था, जो 1956-57 में सत्तावन प्रतिशत हो गया।
- ) यह अनायास नहीं है कि भारत सरकार के ‘ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग, जो अनुसूचित जाति और जनजातियों के कल्याण का कार्य समग्र रूप से देखती थी को दो भागों में बांट दिया गया है।
- छह वर्ष तक इस कार्टून पर किसी ने आपत्ति नहीं उठायी, अब यकायक 10 अप्रैल को कुछ अनुसूचित जाति नेताओं ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष पी.एल. पूनिया को इस कार्टून के विरुद्ध एक ज्ञापन दिया।
- बैठक में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री पी. एल. पुनिया और फोरम के अध्यक्ष श्री सुरेश कुडिकुनिल वरिष्ठ सांसद श्री जे. डी. सीलम, श्री प्रवीण राष्ट्रपाल एवं डा 0 बालचन्द्र मुंगेकर ने भी अपने विचार रखे।
- उन्होंने बताया कि श्री अशोक कुमार वर्मा पुत्र श्री दशरथ प्रसाद जो वार्ड संख्या-20, लोधू थोक, अतर्रा जनपद बाॅदा के निवासी हैं, को पुनः एक वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, तक के लिये उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग का सदस्य नामित किया गया है।
- इस सवाल पर कि इसे लागू करवाना व्यावहारिक रुप से कितना संभव होगा, उन्होंने कहा, “आयोग ने अपनी ओर से जिस क़ानून का प्रस्ताव रखा है उसे अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग से चर्चा करके बनाया गया है और हमें नहीं लगता कि इसे लागू करने में किसी को आपत्ति होगी या कोई दिक़्क़त होगी.”
